एक लघु कहानी —–सम्मान

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आज साहित्य के क्षेत्र में सम्मान समारोह आम हो गए हैं | कोई कितना भी कलम घिस ले पर सम्मान के लिए जुगाड़ चाहिए | जगह – जगह बटते सम्मानों की हकीकत का पर्दाफाश  करती लघुकथा … सम्मान 
संजय कुमार गिरि

एक व्यक्ति :सम्मान ले लो …..सम्मान ले लो भाई …सम्मान !
दोसरा व्यक्ति :अरे भाई ये आप क्या बेच रहे हो ?
पहला व्यक्ति :जी सम्मान बेच रहा हूँ !
दूसरा व्यक्ति :सम्मान ?ये सम्मान क्या होता है ?
पहला व्यक्ति :भाई क्या आपने “साहित्य सम्मान “नहीं सुना कभी ?
दूसरा व्यक्ति :भाई ये सम्मान तो “हिंदी साहित्य” की सेवा करने वाले साहित्यकार व्यक्ति को ही मिलता है न ?


पहला व्यक्ति:हां भाई लेकिन आज कल जगह जगह इसकी दूकान जो खुल गई हैं …..और लोग थोक के भाव सम्मान खरीद और बेच रहे हैं ,
दूसरा व्यक्ति :अच्छा जी ,
पहला व्यक्ति:जी हाँ !! आज कल ये ही हो रहा है भाई !
दूसरा व्यक्ति :भला वो कैसे भाई …ये सम्मान ख़रीदा और बेचा कैसे जा सकता है ?
पहला व्यक्ति:जी हां भाई ……आज कल तो यही हो रहा है ,हर छोटे बढे कवि ,साहित्यकार को आज कल सम्मान पाने का नशा सवार हो रहा है ,एक दो रचनाएं लिखी नहीं की चल दिए सम्मान लाने,साहब को बड़ा मंच चाहिए ..इसके लिए चाहे कितने भी पैसे खर्च करने पढ़े ……साहब को टी वी पर दिखना चाहिए और एक बार टी वी पर क्या आ गए अपने को वरिष्ठ कवि मान बैठते हैं !


*इतने में एक व्यक्ति वहां पर आता ही और फेरी वाले से कहता है भैया जी एक सम्मान मुझे भी देना ,कितने का है ?
पहला व्यक्ति :भाई जी पांच हजार का इसमें राष्ट्र के एक बढे कवि द्वारा आपका सम्मान कराया जाएगा ,
दूसरा तीन हजार का है जिसमें आपको एक सम्मान दिया जायेगा और देश के कुछ समाचार पत्रों में आपकी फोटो सहित प्रकाशित किया जाएगा ,
तीसरा दो हजार का है जसमें आपको एक गली के नुक्कड़ एक कवि सम्मलेन कराकर मंच पर सम्मानित कराया जाएगा ,
और चौथा सम्मान आपको पन्द्रह सौ का पड़ेगा जिसमें आपको एक छोटी सी काव्य गोष्ठी में सम्मानित कराया जाएगा ,हां इसका पूरा खर्चा भी आपको ही उठाना पड़ेगा !
बताइये आपको अब कौन सा सम्मान चाहिए ?

वह घबरया हुआ व्यक्ति भाई थोडा सा कम कर लीजिये ये तो बहुत महगा पड़ेगा ?
भाई आपको चाहिए कौन सा पहले यह तो बताइये ?
कवि बोला : जी जिसमें थोडा ही खर्चा आये भाई वो ही सम्मान दिलवा दीजिये न ?
पहला व्यक्ति झुन्झुलाते हुए बोला :भाई कितना खर्च कर सकते हो आप ?
भाई कुच्छ ऐसा करों न की पंद्रह सौ से भी थोडा कम का हो और सम्मान वो भी ठीक ठाक मिल जाए और मेरा नाम भी हो जाए ?

पहला व्यक्ति :तो भाई ऐसा करो एक काव्य गोष्ठी आप अपने यहाँ पर रखो और गोष्ठी में आने वाले अतिथियों के लिए कम से कम बीस फूल मालाओं और नास्ते का इंतजाम कर लेना ,आपके घर पर ही हम सब आकर काव्य गोष्ठी का आयोजन कर आपको सम्मानित कर देंगे !आप हमें बस हज़ार रुपये ही दे देना !
बात हज़ार रुपये पर तय हो गई और वह कवि महोदय ख़ुशी ख़ुशी अपनी राह चल दिए !

मैं चुपचाप खड़ा यह सब देखता रहा और देखता रहा !और सोचने लगा की क्या यही सब है राष्ट्र कवि दिनकर,पन्त ,प्रसाद निराला और मुंशी प्रेमचंद की साहित्य धरोहर जिसका इस प्रकार से इस्तमाल किया जा रहा है आज का साहित्य कार इतना गिरता जा रहा है की उसे सम्मान खरीदना और बेचना पड़ रहा है !यह क्या होता जा रहा है जगह जगह साहित्य के नाम पर लोगो ने दूकान खोल राखी है और लोगों को उनकी भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है उन्हें साहित्य के नाम पर छला जा रहा है यह कैसा समय आ गया है यह क्यूँ किया जा रहा है क्या पैसा ही आज सब कुछ बन गया है आज सच्चे साहित्य कार की समाज में कोई इज्जत नहीं रही ,आखिर क्यूँ ऐसे हो रहा है ?आखिर क्यूँ ?
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संजय कुमार गिरी 

शिक्षा- स्नातक (हिन्दी)

तकनीकी शिक्षा-पेंटर (स्केचिंग,फाइनआर्ट )

सम्प्रति :-G4S
SCURITY OFFICERS ( supervisor) ,
ट्रू मीडिया
पत्रिका एवं समर सलिल पत्रिका में संवाददाता !


मीडिया प्रभारी –


युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच / नवांकुर साहित्य सभा /भारतीय विकास समिति 


सम्मान –


(१) मद्ये-निषेध निदेशालय दिल्ली सरकार द्वारा वर्ष 1996-97 में


आयोजित गीत ,कविता प्रतियोगिता में प्रोत्साहन पुरस्कार एवं दिल्ली के
मुख्यमंत्री स्वर्गीय श्री साहिब सिंह वर्मा द्वारा सम्मानित।


(2)”गणेश शंकर विद्यार्थी सम्मान 2017 युवा उत्कर्ष
साहित्यिक मंच दिल्ली
,पत्रकारिता में सम्मानित !


(3)”साहित्य कमल” –युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच दिल्ली ,द्वारा वर्ष 2016 में
पत्रकारिता में सम्मानित !


4)आचार्य रामचन्द्र शुक्ल सम्मान ,2017 युवा उत्कर्ष
साहित्यिक मंच दिल्ली
,


5) “साहित्य प्रहरी” —-सुप्रभात मंच द्वारा सम्मानित ,( वर्ष 2015)


6) “मुक्तक रत्न “—मुक्तक लोक मंच द्वारा सम्मानित ( वर्ष 2016)


7 )”कविता गौरव “–कविता लोक मंच द्वारा सम्मानित ,बागपत ( वर्ष 2015)


साहित्य गौरव “—-काव्यशील मंच, दिल्ली ,दिल्ली( वर्ष 2017)

9) “साहित्य साधना सम्मान” –तरंग साहित्यिक मंच ,कानपुर (वर्ष 2017)


10 )”मुक्तक भूषण सम्मान” “हिंदी दिवस के सुअवसर पर
-मुक्तक-लोक मंच द्वारा (वर्ष
2017)




पत्र पत्रिकाओं में निरंतर प्रकाशित रचनाएँ एवं साहित्यिक खबरें :—–


ट्रू मिडिया पत्रिका (दिल्ली) , समर सलिल पत्रिका (लखनऊ) ,साहित्य सरौज
साहित्यिक पत्रिका (गहमर )
,दिन-प्रतिदिन दैनिक सांध्य (अम्बाला ), विजय न्यूज ,समाचार पत्र
(दिल्ली )
,वीमेन
एक्सप्रेस (दिल्ली )
,
,RedHainded
समाचार पत्र (दिल्ली ),समय जगत
समाचार पत्र (भोपाल )
,आज समाज(गुडगाँव ),स्वैक्छिक दुनिया (कानपुर ),जन सामना
(कानपुर ) आदि !





मुख्यवेबसाइट- http://giriarts.blogspot.com /कलम का सफ़र


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