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Yearly Archives: 2017
नकाब घूँघट और टैटू
घूँघट और टैटू |हालांकि आपको ये तीनों बेमेल दिख रहे होंगे | कुछ लोग इसे धर्म से जोड़ने का प्रयास भी कर सकते हैं...
दोषी कौन ?
किरण सिंह , पटना
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आए दिन नारी संवेदना के स्वर गूंजते रहते हैं …..द्रवित करते रहते हैं हॄदय को ….छलक ही आते हैं आँखों से...
शांति से ओत -प्रोत नारी युग के आगमन की शुरुआत हो चुकी है
डाॅ. जगदीश गाँधी, शिक्षाविद् एवं संस्थापक-प्रबन्धक,
सिटी मोन्टेसरी स्कूल, लखनऊ
(1) संयुक्त राष्ट्र संघ की महिला सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण पहल:-
संयुक्त राष्ट्र संघ ने प्रतिवर्ष...
जरूरी है मन का अँधेरा दूर होना
भारतीय संस्कृति में अक्टूबर नवम्बर माह का विशेष महत्त्व है,क्योंकि यह महीना प्रकाशपर्व दीपावली लेकर आता है.दीपावली अँधेरे पर प्रकाश की विजय का प्रतीक...
विचार मनुष्य की संपत्ति हैं
"जिस हृदय में विवेक का, विचार का दीपक जलता है वह हृदय मंदिर तुल्य है।"
विचार शून्य व्यक्ति, उचित अनुचित, हित-अहित का निर्णय नहीं...
जरूरी है मनुष्य के भीतर बेचैनी पैदा होना
कुछ नया जानने , कुछ अनोखा रचने की बेचैनी ही वजह से ही विज्ञानं का अस्तित्व है |कब आकाश पर निकले तारों को देख...
तन की सुंदरता में आकर्षण, मन की सुंदरता में विश्वास
सुंदर काया
और मोहक रूप क्षणिक आकर्षण पैदा कर सकते हैं लेकिन आंतरिक सुंदरता सामने वाले के
मन को हमेशा के लिए वशीभूत कर लेती है।...
सहानुभूति नहीं समानुभूति रखें
क्यों न हम लें मान, हम हैं
चल रहे ऐसी डगर पर,
हर पथिक जिस पर अकेला,
दुख नहीं बँटते परस्पर,
दूसरों की वेदना में
वेदना जो है दिखाता,
वेदना...
रिश्तों की तस्वीर का एक पहलू
इस संसार में हर व्यक्ति और वस्तु गुण-दोष से युक्त है,लेकिन रिश्तों की दुनिया में यह नियम लागू नहीं हो पाता। मन और आत्मा...
अपनों की पहचान बुरे समय में नहीं अच्छे समय में भी होती है
आम तौर पर यही माना जाता है कि जो बुरे वक्त में विपदा के समय साथ दे,वही सच्चा मित्र या हितैषी होता है.यह बात...