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Yearly Archives: 2014
भावनाएं
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नसीब
!!!!!!!! नसीब !!!!!!!!
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अरविन्द कुमार खेड़े की कवितायेँ
अरविन्द जी की कविताओं में एक बेचैनी हैं ,जहाँ वो खुद को व्यक्त करना चाहते...
अटूट बंधन अंक-1व् २ कवर पेज
अटूट बंधन अंक १(प्रवेशांक ) कवर पेज
रूचि भल्ला की कवितायेँ
जब मुझे लगता है कि किसी बात पर अपने तरीके से कुछ कहना चाहिए
तो मेरी लेखनी चल जाती है और कोरे कागज़ पर कविता...
दोगलापन (लघुकहानी)
सविता मिश्रा ============="कुछ पुन्य कर्म भी कर लिया करो भाग्यवान, सोसायटी की सारी औरतें कन्या जिमाती है, और तू है कि कोई धर्म कर्म है...
काहे को ब्याही …. ओ बाबुल मेरे
विवाह जन्म -जन्मान्तर का रिश्ता होता है .........पर गरीबी दहेज़...