गुरु पूर्णिमा पर विशेष:गुरु के बिना अधुरा है जीवन :दिनेश शर्मा

                  गुरु पूर्णिमा पर विशेष: गुरु ब्रह्मा, गुरु विष्णु गुरु देवो महेश्वर, गुरु साक्षात् परमं ब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नम: अर्थात- गुरु ही ब्रह्मा है  , गुरु ही विष्णु है और गुरु ही भगवान शंकर है....

दूब

डूब की तरह छोटे बन कर रहो जब घास -पात जल जाती है डूब तब भी सही सलामत रहती है 

मृत्यु

मृत्यु तुम मेरा क्या कर लोगी बस पात्र बदल दोगी जीवन की लम्बी यात्रा में कितने पात्रों को खेला है कभी पुरुष कभी स्त्री बनकर कितनी पीड़ा को झेला है एक रूप नया देकर मुझको तुम एक नयी पीड़ा  दोगी वंदना बाजपेयी

फूलों से प्यार

जो फूलों से सच में प्यार करते हैं वो उन्हें तोड़ते नहीं पानी देते हैं 

एक लेखक की दास्तान …..

           प्रामाणिकता की जंग भारत देश में लेखकों की कमी है। यह बात मुझे तब पता चली, जब हूबहू मेरी ही रचना एक प्रतिष्ठित पत्रिका में किसी और के नाम से छपी।...

ध्यान

दुःख पर ध्यान दोगे  तो हमेशा दुखी रहोगे सुख पर ध्यान देना शुरू करो दरसल तुम जिस चीज पर ध्यान देते हो वो चीज सक्रिय हो जाती है ध्यान सबसे बड़ी कुंजी है

बदलें दुनिया

शिक्षा सबसे सशक्त हथियार है जिससे दुनिया को बदला जा सकता है |

जीवन के रंग

जीवन सुख दुःख के न जाने कितने रंगों से मिल कर बना है मुक्कमल तस्वीर भी तो सभी रंगों के मिलने से पूरी होती है