आधी आबादी :कितनी कैद कितनी आज़ाद (संगीता सिंह ‘भावना ‘)

दोहरी जिन्दगी की मार  आज भले ही स्त्री ने अपनी एक अलग पृष्ठभूमि तैयार कर ली है ,पर अभी भी हमारे पुरुष प्रधान समाज मे स्त्रीयों की हालत काफी नाजुक है | समय बदला,युग बदला...

आधी आबादी :कितनी कैद कितनी आज़ाद ( पुष्प लता )

आज़ाद भारत में आज़ाद महिलायें …………… !!!  पायलों की बेड़ी में जकड़ी, आज भी नारी  चूड़ियों सी हर पल खनकती ,वो सुकुमारी  रीती -रिवाजों को ढोती रहती, वो बेचारी  कितनी गिरहें खोली उसने ,कितनी है बाकी  जेवर , तेवर ख़ुशी से सहती ,बांध गले...

चन्द्र गुप्त की लम्बी कविता …………… आहटें

                                       आहटें  सन्नाटे की .........वह खौफनाक रेंगती अभी भी चली आती हैं सन ४५ के आणविक मौत की बारिश के बाद बेआवाज़ तड़पते निरीह बच्चे महिलाएं पुरुष मौत को...

प्रयास

असफलता की उत्त्पत्ति तभी होतीहै जब आप प्रयास करना छोड़ देते हैं 

समझ

लोगों को परखने के स्थान पर उन्हें समझने का प्रयास करें 

अटूट बंधन अंक -१० अनुक्रमाणिका

अटूट बंधन अंक -१० अनुक्रमाणिका १ )फलों को नहीं जडो  को देखे और भावनात्मक गुलामी भी गुलामी ही है पर विशेष सम्पादकीय २ )  स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देश दशा में आज़ादी की पड़ताल करता  विचारपरक...

किरण सिंह की कवितायेँ

                    पटना की किरण सिंह जी  ने जरा देर कलम थामी पर जब से थामी तब से लगातार एक से बढ़कर एक कवितायों की झड़ी...

सावन के पहले सोमवार पर :उसकी निशानी वो भोला – भाला

  मंदिर एक प्राचीन शिव समाधि में आसीन शिव और शिवत्व जीव और ब्रम्हत्व शांत निर्मल निर्विकार उर्जा और शक्ति के भंडार दो नेत्र  कोमल, दया के सिन्धु श्रृष्टि   सृजन के प्रतीक बिंदु तीसरा नेत्र कठोर विकराल मृत्यु संहार साक्षात काल डमरू की अनहद नाद ओमकार...

फ्रेंडशिप डे पर विशेष :कि जहाँ भी रहे तू मेरी निगाह में हैं

कि जहाँ भी रहे तू मेरी निगाह में हैं  दोस्त एक छोटा सा शब्द पर अपने अन्दर बहुत सारे अहसास समेटे हुए |दो लोग जिनमें कोई खून का रिश्ता नहीं होता पर तब भी  भावनात्मक रूप से...

गुरु पूर्णिमा पर विशेष:गुरु के बिना अधुरा है जीवन :दिनेश शर्मा

                  गुरु पूर्णिमा पर विशेष: गुरु ब्रह्मा, गुरु विष्णु गुरु देवो महेश्वर, गुरु साक्षात् परमं ब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नम: अर्थात- गुरु ही ब्रह्मा है  , गुरु ही विष्णु है और गुरु ही भगवान शंकर है....