love की हैप्पी ending -चटपटी हास्य कथाएं

ऐ मौसम तुमने हमे क्या-क्या गम ना दिए .. ये तो भला हो हमारी भुल्लों बुआ यानि अर्चना चतुर्वेदी जी का जिन्होंने इस गर्मी...

स्टेपल्ड पर्चियाँ -समझौतों की बानगी है ये पर्चियाँ

    जीवन अनगिनत समझौतों का नाम है | कुछ दोस्ती के नाम पर, कुछ प्रेम की परीक्षा में खरे उतरने के नाम पर,  कुछ घर...

द कश्मीर फाइल्स-फिल्म समीक्षा

  लगभग दो साल से लोग घरों में कैद रहें और सिनेमा हाल बंद प्राय रहें, फिर एक हिन्दी मूवी रिलीज होती है “द कश्मीर...

लकीर-कहानी कविता वर्मा

कोयल के सुत कागा पाले, हित सों नेह लगाए, वे कारे नहीं भए आपने, अपने कुल को धाए ॥ ऊधो मैंने --        ...

पानी का पुल – गहन संवेदनाओं की सहज अभिव्यक्ति

  समकाल में अपनी कविताओं के माध्यम से पाठकों, समीक्षकों का ध्यान खींचने वाली कवयित्रियों में विशाखा मूलमुले एक महत्वपूर्ण हस्ताक्षर के रूप में उभरी...

शहर सुंदर है -आम जीवन की समस्याओं को उठाती कहानियाँ

  शब्द संधान प्रकाशन से प्रकाशित आदरणीय रमेश उपाध्याय जी के कहानी संग्रह  “शहर सुंदर है”  के 250 पेज में समाई 19 कहानियों में  आम...

जरूरी है प्रेम करते रहना – सरल भाषा  में गहन बात...

  कविताएँ हो कहानियाँ हों या लेख, समीक्षा  सरल भाषा में गहन बात कह देने वाली महिमा पाठकों को हमेशा पहले से बेहतर,  नया  लिख...

मैत्रेयी पुष्पा की कहानी “राय प्रवीण”

क्या इतिहास पलट कर आता है ? "हाँ" इतिहास आता है पलटकर एक अलग रूप में अलग तरीके से पर अक्सर हम उसको पहचान...

स्वागत नई किताब का -कबीर जग में जस रहे

स्वागत नई किताब का कॉलम के अंतर्गत हम आने वाली किताब का टीजर सभी मित्रों, पाठकों से साझा करते हैं | इस बार शिवानी...

सुमन केशरी की कविताएँ

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर अटूट बंधन पर प्रस्तुत हैं वरिष्ठ कवि-कथा नटी सुमन केशरी दी की कुछ स्त्री विषयक कविताएँ | इन कविताओं...

मालूशाही मेरा छलिया बुरांश -समकाल की नब्ज टटोलती सशक्त कहानियाँ

  समकालीन कथाकारों में प्रज्ञा जी ने अपनी सशक्त और अलहदा पहचान बनाई है | उनके कथापत्रों में जहाँ एक ओर कमजोर दबे कुचले, शोषित...

दरवाजा खोलो बाबा – साहित्य में बदलते पुरुष की दस्तक

  “पिता जब माँ बनते हैं, ममता की नई परिभाषा गढ़ते हैं” कविता क्या है? निबंध में आचार्य रामचन्द्र शुक्ल कहते हैं कि, “जिस प्रकार आत्मा की मुक्तावस्था...

मेरे संधिपत्र – सूर्यबाला

  एक स्त्री के द्वारा कभी ना लिखे गए संधिपत्रों का जब-जब खुलासा होगा तब पता चलेगा के घर -परिवार की खुशहाली बनाए रखने के...

बिछोह

वरिष्ठ लेखिका दीपक शर्मा जी की कहानियों की खास बात होती है उनके शीर्षक, और कथ्य को कहने का वो ढंग जहाँ पाठक एक...

भानपुरा की लाड़ली बेटी- मन्नू भंडारी

संसार अपनी धुन में लगातार चलते हुए मारक पदचिह्न छोड़ता चलता है। जिस रास्ते को वह तय कर लेता है, उस पर कभी मुड़कर...

गांधारी – आँखों की पट्टी खोलती एक बेहतरीन किताब

सुमन केशरी दी की की नई किताब “गांधारी” आई और प्रिय अनुप्रिया के बनाए कवर में ही ऐसी कशिश थी कि तुरंत सैनिटाइज़ कर...

दीपक शर्मा की कहानी सवारी

अपना पैसा,  अपनी सवारी, और अपना मकान  ..अपने वजूद की तलाश करती स्त्री की यही तो पायदानें है जिनसे वो आत्मनिर्भरता और स्वाभिमान अर्जित...

सही तरीका

रहींम  दास जी का एक दोहे की एक पंक्ति है "जहां काम आवे सुई, कहा करे तलवारि।।  इसका भावार्थ तो ये है की हर...

बस अब और नहीं !

स्वतंत्रता या गुलामी ये हमारा चयन है | कई बार गुलामी के चयन के पीछे सामाजिक वर्जनाएँ होती हैं  तो कई बार इसके पीछे...

उर्मिला शुक्ल की कहानी रेशम की डोर 

          रेशम की डोर में गाँठ बांध कर जोड़ा गया पति -पत्नी का रिश्ता जन्म-जन्मांतर का होता है | सुख के...