गीता जयंती – करें श्रीमद्भगवद्गीता का रस पान
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ॥
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् । धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे
जिस दिन श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था उस दिन मार्गशीर्ष माह...
पूर्वा- कहानी किरण सिंह
"जिस घर में भाई नहीं होते उस घर कि लड़कियाँ मनबढ़ होती हैंl"
उपन्यासिक कलेवर समेटे चर्चित साहित्यकार किरण सिंह जी की कहानी 'पूर्वा' आम जिंदगी के माध्यम से रूढ़ियों की टूटती बेड़ियों की बड़ी...
घूरे का हंस – पुरुष शोषण की थाह लेती कथा
मैं खटता रहा दिन रात
ताकि जुटा सकूँ हर सुख सुविधा का सामान तुम्हारे लिए
और देख सकूँ तुम्हें मुस्कुराते हुए
पर ना तुम खुश हुई ना मुस्कुराई
तुमने कहा मर्दों के दिल नहीं होता
और मैं चुपचाप आँसूँ...
श्राद्ध पक्ष – क्या वास्तव में आते हैं पितर
चाहें ना धन-संपदा, ना चाहें पकवान l
पितरों को बस चाहिए, श्रद्धा और सम्मान ll
आश्विन के शुक्लपक्ष की पूर्णिमा से लेकर आश्विन कृष्णपक्ष अमावस्या तक के काल को श्राद्ध पक्ष या पितृ पक्ष कहा...
वो छोड़कर चुपचाप चला जाए तो क्या करें ?
शायरी काव्य की बहुत खूबसूरत विधा है l रदीफ़, काफिया, बहर से सजी शायरी दिल पर जादू सा असर करती है l यूँ तो शायरी में हर भाव समेटे जाते हैं पर प्रेम का...
जीते जी अंतिम संस्कार- पुरवाई संपादकीय पर
कुछ पढ़ा, कुछ गुना :शीर्षक के अंतर्गत अटूट बंधन में उन लेखों कहानियों पर विस्तार से बात रखी जाएगी जो कहीं न कहीं पढ़ें हैं l
आज के अंक लंदन से प्रकाशित पुरवाई पत्रिका का...
किराये का परिवार – पुरवाई संपादकीय पर टिप्पणी
कुछ पढ़ा, कुछ गुना :शीर्षक के अंतर्गत अटूट बंधन में उन लेखों कहानियों पर विस्तार से बात रखी जाएगी जो कहीं न कहीं पढ़ें हैं l
आज के अंक लंदन से प्रकाशित पुरवाई पत्रिका...
हिंदी – लौटना है ‘व्हाट झुमका’ से ‘झुमका गिरा रे’ तक
हिंदी – बोली-बानियों की मिठास का हो समावेश
अभी कुछ दिनों पहले एक फिल्म आई थी, “रॉकी और रानी की प्रेम कहानी” उसका एक गीत जो तुरंत ही लोगों की जुबान पर चढ़ गया...
सुनो कहानी नई पुरानी -कहानियों के माध्यम से बच्चों को संस्कृति से जोड़ने का...
“मम्मी इस घर का एक रूल बना दीजिए कि चाहे जो भी हो जाए इस फॅमिली का कोई मेम्बर एक-दूसरे से बात करना बंद नहीं कर सकता है l”
यूँ तो साहित्य लेखन ही जिम्मेदारी...
दीपक शर्मा की कहानी एवज़ी
वरिष्ठ लेखिका दीपक शर्मा जी की कहानियाँ पढ़ते हुए बिहारी का ये दोहा अनायास ही जुबान पर आ जाता है l
सतसइया के दोहरे ज्यों नावक के तीर,
देखन में छोटे लगें घाव करे गंभीर,
छोटी सी...